तेजी से ब़ रहा है एनेस्थिसिया का चलन : डॉ़ अमित तोमर

एनेस्थिसिया चिकित्सा विज्ञान का ऐसा विषय हैं, जिसके बारे में मरीज को बहुत की कम जानकारी होती हैं। जबकि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में खासकर सर्जरी में एनेस्थिसियां की निर्णायक भूमिका होती हैं। ऑपरेशन थिएटर में मरीज को बेहोश करना हो, रिलैक्स (आराम) पहुंचाना हो, ब्लड प्रेशर व हार्ट की स्थिति को देखना हो इसके लिए एनेस्थिसियां विशेषज्ञ की जरूरत होती है। इसके अलावा आई.सी.यू. और सी.सी.यू. का इंचार्ज भी एक एनेस्थिेटिस्ट ही होता है। यह कथन है मेट्रो हॉस्पीटल एण्ड हार्ट इंस्टीट्यूट नौएडा में कार्यरत एनेस्थिेटिस्ट डॉ. अमित तोमर का। गवरमेंट मेडीकल कॉलेज जामनगर (गुजरात) से एम.बी.बी.एस. एवं एम.डी.एनेस्थिसिया डॉ. अमित तोमर 2004 से 2007 तक क्रमशः मौलाना आज़ाद मेडिकल कालेज और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइसेज (एम्स) में बतौर रेजीडेंट डॉक्टर काम करने के बाद पिछले तीन सालों से मेट्रो हॉस्पीटल एण्ड हार्ट इंस्टीट्यूट, नौएडा में कार्यरत हैं। डॉ. तोमर के अनुसार एक एनेस्थिेटिस्ट का काम अत्यन्त जटिल होने के साथसाथ रोगी के उपचार के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। एनेस्थिसिया की एक शाखा पेन क्लीनिक है जिसमें असह्य दर्द, वह चाहे स्लिप डिस्क का दर्द हो, सीआरटिका का दर्द हो, ट्राइजैमिकल या न्यूरोल्जिया का दर्द हो उसे दवा देकर और नॉर्म ब्लाक लगाकर ठीक किया जाता है। इसके अलावा प्रत्येक सर्जरी, बाईपास हो या ओपन सर्जरी एनेस्थिसिया के बिना नहीं हो सकती। इसके लिए यह बेसिक विज्ञान हैं। भारत में एनेस्थिसिया सुविधा की उपलब्धता को अत्यन्त चिंताजनक बताते हुए डॉ. तोमर ने कहा कि दूरदराज के क्षेत्रों को तो छोड़िये कई शहरों तक में यह सुविधा नहीं है। यहाँ तक कि एनसीआर, दिल्ली में बहुत कम अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध हैं। इस कारण कई अस्पतालों में ऑपरेशन नहीं हो पाते और एक ही एनेस्थिेटिस्ट को तीन तीन जगहों पर काम करना पड़ता हैं, इससे मरीज का समय पर उपचार नहीं हो पाता। साथ ही डॉ. तोमर यह भी कहते है कि देश में स्वास्थ्य के प्रति पैदा जागरूकता के कारण छोटेबड़े अस्पतालों में इंटेंसिव केयर यूनिट शुरू होने से एनेस्थिसिया का चलन बड़ा है। इससे एनेस्थिेटिश्टों की मांग तेजी से ब़ी है। डॉ. तोमर ने बताया कि कैरियर के दृष्टि से एनेस्थिसिया एक अच्छा विषय है। इसमें रोजगार की असीमित संभावनाएं हैं। ऑपरेशन थिएटर और आईसीयू में इसकी हमेशा जरूरत रहती है। एक एनेस्थिेटिस्ट नौकरी करने के साथ साथ फ्रीलांसिंग कर सकता है और अपना क्लीनिक भी चला सकता है। डॉ. तोमर स्वयं अपना एक पेन क्लीनिक खोलने की तैयारी में हैं। उन्होंने बताया कि आगामी एकडेड़ महीने में ही सेक्टर12, नौएडा में उनका पेन क्लीनिक शुरू हो जाएगा। एनेस्थिसिया के क्षेत्र में रोजगार और व्यवसाय की अच्छी संभावना सबसे बड़ा कारण इसका एकेडमिक ट्रेंड होना बताते हुए डॉ. तोमर ने कहा कि इसमें मशीनरी बहुत कम इस्तेमाल होती है। 45 लाख रुपए में एक क्लीनिक आरंभ किया जा सकता है, जिसमें कुछ जटिल सर्जरी को छोड़कर सामान्य ऑपरेशन हो सकते हैं। यही कारण है कि अमेरिका में चिकित्सा विज्ञान को कैरियर बनाने वाले टॉपर छात्र एनेस्थिसिया को चुनते हैं।

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